इनकम टैक्स बचाने के 15 बेहतरीन तरीके, 80C है निवेश और बचत का ऑलराउंडर
इनकम टैक्स बचाने के लिए गलत तरीके नहीं अपनाने चाहिए. फंसने पर जुर्माने के साथ जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है. आप कैसे सही तरीके से अपने निवेश की प्लानिंग करें कि टैक्स भी बचे और अच्छा रिटर्न भी मिले.
इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80C टैक्स छूट के लिए है. (Twitter)
इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80C टैक्स छूट के लिए है. (Twitter)
इनकम टैक्स बचाने के लिए गलत तरीके नहीं अपनाने चाहिए. फंसने पर जुर्माने के साथ जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है. आप कैसे सही तरीके से अपने निवेश की प्लानिंग करें कि टैक्स भी बचे और अच्छा रिटर्न भी मिले. 80C में कई ऐसी बचत योजनाएं व कर बचाने के इंस्ट्रूमेंट का उल्लेख है, लेकिन आप कौन से विकल्पों का चुनाव करें ताकि ज्यादा से ज्यादा टैक्स छूट का फायदा मिले. इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं ध्रुुव एडवाइजर्स के कृृष्ण मल्होत्रा...
क्या है सेक्शन 80C?
इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80C टैक्स छूट के लिए है. इसके अंतर्गत 1.50 लाख रुपए तक की टैक्स छूट मिलती है. नौकरीपेशा, हिंदू अविभाजित (HUF) परिवार वाले इसके अंतर्गत टैक्स छूट ले सकते हैं. इस सेक्शन में निवेश के वे विकल्प शामिल हैं, जिन पर सरकार टैक्स रियायत देती है.
80C के तहत निवेश के फायदे
टैक्स प्लानिंग में सेक्शन 80C का अहम रोल है. कुल टैक्सेबल इनकम में 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है. टैक्स बचत के सभी निवेश योजनाओं में लॉक-इन पीरियड होता है. लॉक-इन पीरियड का फायदा यह है कि आपका निवेश लंबे समय तक बना रहता है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) May 7, 2019
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निवेश के 15 विकल्प
> पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
> कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)/स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF)
> ELSS- इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
> टर्म लाइफ इंश्योरेंस
> यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
> पारंपरिक जीवन बीमा/मनी बैक योजना
> 5 साल की बैंक FD
> डाक घर में 5 साल का जमा
> राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (NSC)
> वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
> होम लोन के मूलधन पर टैक्स छूट
> दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर राहत
> सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
> बीमा कंपनी की पेंशन योजना
> राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)/अटल पेंशन योजना (APY)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
छोटी बचत योजनाओं में से एक लोकप्रिय योजना पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) है. इसे आप अपने, जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर खोल सकते हैं. PPF में 15 साल का लॉक-इन पीरिएड होता है. PPF में निवेश पर 3 गुना टैक्स बेनेफिट मिलता है. निवेश की रकम, ब्याज और मैच्योरिटी पर टैक्स छूट भी सरकार देती है. एक साल में आप अपने PPF खाते में 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं. साल में कम से कम 500 रुपए का निवेश जरूरी है. सरकार हर तिमाही में PPF खाते पर ब्याज दरें तय करती है. इसका खाता पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोल सकते हैं.
EPF या VPF
नौकरीपेशा के लिए EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) में निवेश होता है. इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों योगदान करते हैं. हर महीने सैलरी में से तय रकम EPF में जमा होती है. कंपनी भी अपना योगदान करती है. वहीं VPF (स्वैच्छिक भविष्य निधि) से आप EPF में अपने योगदान को बढ़ा सकते हैं. यानि सैलरी का 12% तक आप अपनी ओर से भी योगदान कर सकते हैं.
ELSS- इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
ELSS इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) होते हैं. इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहते हैं. इसमें 3 साल का लॉक इन पीरिएड होता है. यूनिट बेचने से हुए लाभ पर टैक्स नहीं मिलता है.
टर्म प्लान क्या होता है
इसमें निवेश कर कम प्रीमियम पर अच्छा जीवन बीमा कवर लिया जा सकता है. टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है. छूट के लिए हर साल नए प्लान की जरूरत भी नहीं पड़ती है. सालाना रिन्यूअल प्रीमियम पर टैक्स छूट सरकार देती है.
ULIP- यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान
जीवन बीमा योजना और निवेश का एक मिला-जुला रूप है. प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन बीमा कवर में चला जाता है. बचा हुआ हिस्सा किसी फंड में निवेश कर दिया जाता है. ULIP के प्रीमियम की पूरी रकम पर 80C में टैक्स छूट का प्रावधान है. लगातार 5 साल तक प्रीमियम नहीं भरा तो टैक्स लाभ नहीं मिलेगा.
5 साल की बैंक FD
टैक्स छूट के लिए इस FD की अवधि 5 साल के लिए होती है. FD में रखे पैसों पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि FD पर मिले ब्याज पर टैक्स लगता है.
पोस्ट ऑफिस में 5 साल का जमा
ये निवेश बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ही है. 5 साल के लिए आपकी रकम लॉक हो जाती है. बीच में रकम निकाली तो टैक्स लाभ नहीं मिलेगा. सरकार हर तिमाही में ब्याज दरें तय करती है और खाता खोलते वक्त जो ब्याज दर रहती है, आखिर तक वही मिलेगी.
होम लोन पर टैक्स छूट
होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट का प्रावधान है. स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क पर भी टैक्स छूट मिलती है. जब शुल्क भरा, टैक्स छूट उसी साल के लिए होगी. अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के प्रिंसिपल पर छूट नहीं मिलती है. सरकार 'रेडी टू मूव' प्रॉपर्टी खरीदने पर टैक्स छूट देती है.
बच्चों की ट्यूशन फीस
दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट दी जाती है. लेकिन एजुकेशन फुल टाइम होनी चाहिए तभी टैक्स छूट का फायदा मिलेगा. निजी ट्यूशन, कोचिंग, पार्ट-टाइम कोर्स पर छूट नहीं मिलती.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
बेटी की उम्र 10 साल से कम होने पर SSY खाता खोल सकते हैं. बेटी के 21 साल का होने पर अकाउंट मैच्योर होगा. बेटी की शादी, पढ़ाई के लिए पैसे निकाल सकते हैं. यह EEE कैटेगरी का निवेश इंस्ट्रूमेंट है. इसमें निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी पर टैक्स छूट का प्रावधान है.
07:28 PM IST